सेवा
में,
1-
मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ,उत्तर
प्रदेश,पिन
कोड
– 226001
2-
प्रमुख सचिव गृह,उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ,उत्तर
प्रदेश,पिन
कोड
– 226001
3-
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, 1 तिलक मार्ग, लखनऊ,उत्तर
प्रदेश,पिन
कोड
– 226001
4-
जिलाधिकारी, जनपद
लखनऊ,उत्तर
प्रदेश,पिन
कोड
– 226001
5-
वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक,
जनपद
लखनऊ,उत्तर
प्रदेश,पिन
कोड
– 226018
विषय : न्यायालय अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) संजय कुमार पाण्डेय द्वारा थाना विभूतिखंड की पत्रावली अंतर्गत सीआरपीसी धारा 151,107,116 चालानी दिनांकित 10-07-16
को गायब करके इस पत्रावली के कतिपय अभिलेखों को थाना विभूतिखंड की अंतर्गत सीआरपीसी धारा 107,116 की कूटरचित पत्रावली संख्या 738/2016
में प्रयोग करने की आपराधिक साजिश करने के प्रकरण की तथा लखनऊ पुलिस द्वारा महिला विरोधी मानसिकता के साथ आपराधिक साजिश करके मुझ महिला को सीआरपीसी के प्राविधानों के प्रतिकूल 10-07-16
की रात 9 बजे के बाद झूठ बोलकर छल कपट द्वारा गिरफ्तार कर मेरे संवैधानिक अधिकारों का हनन करने, मेरी घोर मानहानि करने, अभिलेखों में कूटरचना करने की आपराधिक साजिश आदि की उच्चस्तरीय जांच कराकर लखनऊ पुलिस-प्रशासन के सभी दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही एवं एफ.आई.आर. लिखाकर विधिक जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने का कष्ट करें और मुझे व मेरे परिवार को लखनऊ की पुलिस व
प्रशासन से आसन्न खतरे के दृष्टिगत निःशुल्क सुरक्षा देने और विधिविरुद्ध रीति से
मेरी स्वतंत्रता को वाधित करने और मेरी मानहानि करने के एवज में मुझे 10 करोड़
रुपयों की क्षतिपूर्ति देने के सम्बन्ध में l
महोदय,
मेरे पूर्व प्रार्थना पत्र दिनांक 23-07-16 ( 02 पेज छायाप्रति संलग्न ) के सन्दर्भ से अवगत करना है कि अधोहस्ताक्षरी देश की एक लब्धप्रतिष्ठित समाजसेविका है l दिनांक 10-07-16 की रात्रि में लगभग 9 बजे मेरे घर कई पुलिसकर्मी आये l इन पुलिस कर्मियों द्वारा मुझसे कहा गया कि लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने मुझे अगले दिन होने वाले आरटीआई भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के पास जारी करने के सम्बन्ध में वार्ता हेतु बुलाया है l इन पुलिस कर्मियों ने मांगे जाने पर भी अपने परिचय पत्र मुझे नहीं दिखाए l मेरे पति द्वारा लगभग 9 बजे रात में लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी के सीयूजी मोबाइल पर कॉल करने पर एसएसपी के पीआरओ ने फ़ोन उठाया जिनकी मेरे घर आये पुलिस कर्मियों से वार्ता कराने के बाद जब मेरे पति ने एसएसपी के पीआरओ से जानना चाहा कि कहीं घर आये पुलिसकर्मी झूठ बोलकर तो मुझे नहीं ले जा रहे थे तो एसएसपी के पीआरओ ने मेरे पति से स्पष्ट कहा कि घर आये पुलिस कर्मी मुझे झूठ बोलकर नहीं ले जा रहे थे l जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मेरे पति से एसएसपी के पीआरओ से हुए वार्तालाप पर विश्वास करके मैं पुलिस कर्मियों के साथ चली गयी किन्तु जब मुझे एसएसपी के आवास के स्थान पर महिला थाना हजरतगंज में उतरने को कहा गया तो मैंने इसका कारण जानना चाहा l मुझे कारण तो नहीं बताया गया अपितु मेरे साथ गलीगलोच और मारपीट की गयी और बलप्रयोग द्वारा जबरदस्ती पुलिस की गाडी से उतारकर महिला थाना हजरतगंज में बंद कर दिया गया l पुलिस ने मेरा मोबाइल फ़ोन छीन लिया और मेरी गिरफ्तारी की सूचना मेरे किसी भी परिजन को नहीं दी l
जब मीडियाजन द्वारा मेरे पति को मेरी गिरफ्तारी की सूचना दी गयी तो मेरे पति ने मेरे घर आये पुलिसकर्मियों के अपने मोबाइल से लिए गए फोटो,मुझे घर से ले जाते समय का वीडियो और एसएसपी के पीआरओ से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग दिनांक 10-07-16 की रात को यानि 11-07-16 को 01:45 A.M. से 02:56 A.M. के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ,मानवाधिकार आयोग, भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, इलाहबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश,
यूपी के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्यसचिव,डीजीपी,एडीजी-कानून व्यवस्था, जिलाधिकारी लखनऊ और लखनऊ के एसएसपी को भेजकर पुलिस द्वारा मुझ महिला को सूर्यास्त के बाद छल और धोखाधड़ी करके गिरफ्तार करने के अपराध की सूचना ई-मेल के माध्यम से दे दी थी l मेरे पति द्वारा भेजे गए ई-मेल्स के 3 पेज के प्रिंटआउट संलग्न हैं l
दिनांक 11-07-16 की सायं 5 बजे के बाद मुझे महिला थाना हजरतगंज से सीधे न्यायालय अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) लाया गया जहाँ संजय कुमार पाण्डेय ने मुझसे थाना विभूतिखंड की अंतर्गत सीआरपीसी धारा 151,107,116 रिपोर्ट चालानी रिपोर्ट दिनांकित 10-07-16
की पत्रावली के आदेश पर हस्ताक्षर कराकर 23-07-16 को उपस्थिति के लिए कहा l दिनांक 23-07-16 को जब मैं न्यायालय अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) पंहुची तो यह देखकर हैरान रह गयी कि न्यायालय अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) संजय कुमार पाण्डेय द्वारा यह पत्रावली गायब कर दी गयी थी और इस पत्रावली में दिनांक 11-07-16 को लगाए गए मेरे प्रपत्रों को थाना विभूतिखंड की अंतर्गत सीआरपीसी धारा 107,116 की कूटरचित पत्रावली संख्या 738/2016 में प्रयोग करने की आपराधिक साजिश कर दी गयी थी l
उपरोक्त वर्णित पत्रावली संख्या 738/2016 दिनांक 26-05-16 से प्रचलित दिखाई गयी है किन्तु इससे सम्बंधित कोई भी सम्मन न तो मुझे प्राप्त कराया गया है और न ही इस पत्रावली में लगा है l इस पत्रावली में मुझे सूचित किये बिना ही सूचित किये जाने की कूटरचना भी की गयी है और कूटरचना द्वारा ही जमानतीय वारंट जारी करने के मनमाने आदेश भी जारी दिखाए गए हैं l ऐसा लगता है कि यह पत्रावली रातों रात बनाई गयी है l इस पत्रावली की फोरेंसिक जांच से यह कूटरचना स्वतः ही सिद्ध हो जायेगी l संजय कुमार पाण्डेय की जालसाजी के प्रमाण के रूप में पत्रावली संख्या 738/2016 के आदेश दिनांक 11-07-16 की छायाप्रति संलग्न है जिसमें अगली सुनवाई की तिथि पर ओवरराइटिंग तो की ही गयी है साथ ही साथ दिखाई दे रहे दिनांकों 29/25-07-16 के स्थान पर इस वाद की सुनवाई 23-07-16 को ही कर ली गयी है l दिनांक 11-07-16 के इस आदेश पर मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं जिससे यह पुनः पुष्ट हो रहा है कि यह आदेश कूटरचित है क्योंकि यदि मुझे इस पत्रावली पर हिरासत
से रिहा किया जाता तो इस पर मेरे हस्ताक्षर होते l वर्णित पत्रावली संख्या 738/2016 के फर्जी होने का एक अन्य प्रमाण यह भी है कि हालांकि इस पत्रावली की चालानी रिपोर्ट दिनांक 26-05-16
( छायाप्रति संलग्न ) में मेरे साथ साथ एक अन्य पुरुष अशोक कुमार गोयल का भी नाम दिखाया गया है लेकिन पुरुष होते हुए भी गोयल की गिरफ्तारी नहीं की गयी और मुझ महिला को सीआरपीसी के प्राविधानों के प्रतिकूल रात 9 बजे बाद गिरफ्तार किया गया l इससे स्पष्ट है कि सदाकांत, सुनील कुमार, जावेद उस्मानी, आलोक रंजन आदि जैसे भ्रष्ट
आई.ए.एस. अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाने के कारण ही लखनऊ पुलिस और
प्रशासन ने मुझसे सम्बंधित एक पत्रावली जानबूझकर गायब की है,पत्रावली संख्या 738/2016 में जमकर कूटरचना करने का षड्यंत्र किया है, महिला विरोधी मानसिकता के साथ मुझे रात में गिरफ्तार कर मेरा
उत्पीडन किया है और पुलिस अभिलेखों में भी कूटरचना की है जिसकी उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है l
दिनांक 10-07-16 की रात 9 बजे के बाद झूठ बोलकर की गयी मेरी गिरफ्तारी के प्रमाण मेरे पति आपको पहले ही ई-मेल द्वारा भेज चुके हैं l मेरे गिरफ्तारी प्रमाणपत्र ( छायाप्रति संलग्न ) में भी कूटरचना की गयी है l मेरी गिरफ्तारी के दिनांक की प्रविष्टि में (10/11-07-16) ओवरराइटिंग की गयी है और गिरफ्तारी के बाद मुझे रखने के स्थान के वारे में असत्य कथन किया गया है जिसकी पुष्टि थाना तालकटोरा,महिला थाना हजरतगंज,थाना विभूतिखंड की जीडी, इन थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग्स और पुलिस कार्मिकों और मेरे मोबाइल की लोकेशन और इन पुलिस कार्मिकों के मोबाइल्स की सीडीआर से कराने का कष्ट करें l मेरे पति की एसएसपी के पीआरओ से बातचीत से स्पष्ट है कि मेरे पति को मेरी गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं दी गयी और गिरफ्तारी प्रमाणपत्र में जानबूझकर इस सम्बन्ध में भी असत्य कथन किया गया है l
कूटरचित अभिलेख बनाकर एक साजिश के तहत विधिविरुद्ध रीति से मेरी गिरफ्तारी कर मुझ सम्मानित महिला समाजसेविका के संवैधानिक अधिकारों का हनन करके मानहानि करने के इस जघन्य अपराध में लखनऊ की एस.एस.पी. मंजिल सैनी, पुलिस अधीक्षक नगर उत्तरी, पुलिस अधीक्षक नगर पश्चिमी, क्षेत्राधिकारी कैसरबाग,क्षेत्राधिकारी बाजारखाला, क्षेत्राधिकारी गोमतीनगर सत्यसेन, पुलिस उपाधीक्षक प्रज्ञान लखनऊ,थानाध्यक्ष विभूतिखंड,थानाध्यक्ष महिला थाना हजरतगंज,थानाध्यक्ष तालकटोरा,एसएसआई थाना विभूतिखंड अभिषेक तिवारी, MSI थाना विभूतिखंड निदा अर्शी, अपर जिलाधिकारी ट्रान्स गोमती अशोक कुमार, अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) संजय कुमार पाण्डेय आदि की भूमिकाएं संदिग्ध हैं l
आपसे अनुरोध है कि इस प्रकरण के सम्बन्ध में आपको ई-मेल के माध्यम से भेजे गए प्रमाणों, इस पत्र के साथ संलग्न प्रमाणों, इस पत्र में वर्णित सभी पत्रावलियों और अभिलेखों की फोरेंसिक प्रमाण, इस पत्र में वर्णित सभी लोकसेवकों के सीयूजी मोबाइल्स की दिनांक 26-05-16 से अब तक की सीडीआर, इस पत्र में वर्णित सभी लोकसेवकों के मोबाइल्स की 10 व 11 जुलाई की सभी लोकेशन डिटेल्स, 10 व 11 जुलाई की थाना तालकटोरा,महिला थाना हजरतगंज,थाना विभूतिखंड की जीडी, इन थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग्स और मेरे और मेरे पति के मोबाइल की लोकेशन के प्रमाणों को सम्मिलित कर उच्चस्तरीय प्रशासनिक जांच और एफ.आई.आर. लिखाकर विधिक जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने का कष्ट करें और मुझे व मेरे परिवार को लखनऊ की पुलिस व
प्रशासन से आसन्न खतरे के दृष्टिगत निःशुल्क सुरक्षा देकर और विधिविरुद्ध रीति से
मेरी स्वतंत्रता को वाधित करने और मेरी मानहानि करने के एवज में मुझे 10 करोड़
रुपयों की क्षतिपूर्ति देकर न्याय दें l
भवदीया
संलग्नक : उपरोक्तानुसार ( 08 पेज )
दिनांक : 25-07-16
(उर्वशी शर्मा)
102,नारायण टावर,एफ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश,पिन कोड – 226017
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